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ख़ूने हैज़ (निशानी और शराएत ) |
हैज़ वह ख़ून है जो आम तौर से चंद दिनों के लिए औरतों के गर्व से निकालता है, ऐसी औरत को हाएज़ कहते हैं। इस ख़ून की कुछ मख़सूस निशानियाँ हैं : 1- यह खून गर्म होता है। 2- आम तौर से गाढ़ा होता है। 3- इस ख़ून का रंग काला या लाल होता है। 4- थोड़ा प्रेशर और जनल के साथ आता है। इस ख़ून के कुछ अहम तरीन शराएत यह हैं : 1- बालिग़ होना वह ख़ून जिसे लड़की देखती है इस सूरत में हैज़ है कि वह बालिग़ हो, यानी पूरी 9 साल की हो लेकिन वह खून जो इसने 9 साल पूरा होने से पहले देखा है वह हैज़ नहीं है बल्कि मुमकिन हो इस्तेहज़ा हो (चाहे उसमे हैज़ के खून की निशानियाँ पाई जाती हू)। नोट : 9 साल से मुराद 9 साल का पूरा होना है और दसवें साल में दाख़िल हो जाना है न यह कि नौवें साल में दाख़िल होना (साल से मुराद चांद के महीने की तारिख़ से क, कोई और नहीं)। 2 - याएसा होने से पहले ख़ून देखना याएसा यानी मायूस ना उम्मीदी.... चुकी याएसा औरत ख़ून देखने और बच्चा पैदा करने से ना उम्मीद हो जाती है इस लिए इसी याएसा कहा जाता है। सैदानी औरतें साठ साल की उम्र में और ग़ैर सैदानी औरतें पचास साल की उम्र में याएसा हो जाती हैं। लिहाज़ा याएसगी के बाद जो ख़ून नज़र आए वह हैज़ नहीं बल्कि मुमकिन हो इस्तेहज़ा हो। 2-. तीन दिन से कम हो अगर तीन दिन से कम ख़ून आया हो चाहे एक ही घंटा काम क्यों ना हो तो वह हैज़ नहीं है लेकिन ज़रुरी नहीं है कि दिन के शुरू से देखे बल्कि अगर पहले दिन ख़ून का दरमियानी हिस्से शुरू और चौथे दिन के दरमियानी हिस्से तक जारी हो तो काफ़ी है। अलबत्ता तीन दिन मुतबर है न तीन रात दिन लिहाज़ा अगर तीन दिन और दो रात ख़ून देखे तो काफ़ी है। 4- ख़ून दस दिन से ज़्यादा न हो जिस दिन से ख़ूने हैज़ आना शुरू होआ हो उस दिन से दस दिन तक हैज़ होगा उसके अलावा हैज़ नहीं है। 5- तीन दिन बिला फ़ासला ख़ून आना वह औरत जिसने तीन दिन लगातार ख़ून देखा हो उसके उपर अहकामे हैज़ जारी होगा लेकिन अगर दस दिन के अन्दर तीन दिन ख़ून देखे और उसमे हैज़ की निशानियां पाई जाती हो लेकिन लगातार ना हो मिसाल के तौर पर पहले, पांचवे और आठवे दिन ख़ून देखा तो अतियात ए मुसतहेब की बिना पर ख़ून देखने के दिनों में चाहिये कि वह कम करे जो मुस्तहाज़ा इन दिनों में करती हैं और वह काम जो हाएज़ा तर्क करती हैं तर्क करे। और जिन दिनों में ख़ून नहीं देखती उसे चाहिए कि पाक औरतें जो काम करती हैं और हाएज़ा जो तर्क करती हैं वह काम करें। (अहकाम का ब्यान दूसरे हिस्से में आए गा)। 6- दो हैज़ के दरमियान कम से कम दस दिन का फासला हो अगर पहले हैज़ के बाद दस दिन न गुज़रे हूं तो वह ख़ून जो देख रही है हैज़ नहीं है।
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अहकाम और मसाएल की ओर जाये |
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