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शीर्षक |
एक दरवाज़ा जो बंद नहीं हुआ |
लेखक |
मुहम्मद हसन शाफ़ई / सय्यद शाहिद जमाल रिज़वी |
प्रकाशक |
शऊर-ए-विलायत फाउंडेशन, लखनऊ |
विषय |
हदीस सददुल अबवाब |
भाषा |
हिंदी |
कॉमिक्स के बारे में |
यह कॉमिक बच्चों के लिए पैगंबर अकरम (स० अ०) की एक हदीस के आधार पर तैयार की गई है जिसे "हदीस सैद अल-अबवाब" कहा जाता है। यह हदीस में से एक हदीस है जो हज़रत अली (अ० स०) की सत्यता को साबित करती है जिसमें उन्हें नफ़्स-ए-रसूल(स० अ०) कहा जाता है।
हदीस का सार यह है कि पैगंबर अकरम (स० अ०) ने ईश्वर की आज्ञा से मस्जिद की ओर जाने वाले सभी दरवाजों को बंद कर दिया था, जिससे हज़रत अली (अ० स०) और ज़हरा(स० अ०) का घर का दरवाज़ा ही खुला रह गया। इस हदीस को एक सुंदर कहानी के रूप में सुनाया गया है ताकि वे हँसते और खेलते समय इस्लाम की एक महत्वपूर्ण घटना से परिचित हो सकें। इस कॉमिक में 16 पृष्ठ हैं, प्रत्येक पृष्ठ में एक कहानी के साथ-साथ सुंदर चित्र भी हैं। |
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